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हम लोग हरिद्वार में मनसा देवी के दर्शंन के लिए जब जा रहे थे तब हमारे सामने कुल्फी को छोड़ने की समस्या थी कि उसे कहा छोड़ा जाये क्योकि वह अनजान जगह में अकेले रुक नहीं सकती और गाड़ी के ड्राईवर के साथ उसकी दोस्ती भी नहीं हुयी थी जो उसे उनके पास छोड़ दिया जाता .हम सभी हर कि पौड़ी पर घुमने के बाद मनसा देवी के लिए जब चले तो हमारे परिवार के लोगो ने कहा कि तुम मनसा देवी के दर्शन नहीं कर पाओगी क्योकि TROLLEY पर कोई भी कुल्फी को चढ़ने कि इजाजत नहीं देंगा .हमने कहा की ठीक है हम चलते है अगर जाने को मिल जायेगा तो ठीक है नहीं तो हम नीचे ही इंतजार करेंगे .TROLLEY की काफी बड़ी लाइन थी और उससे ज्यादा सिक्यूरिटी सख्त थी .कुल्फी को देखते ही वहा खड़े लोगो ने कहा आप कुत्ते को लेकर दर्शन करने जाएँगी आप को कोई TROLLEY पर बैठने नहीं देंगा .हमने उनकी बात का जवाब नहीं दिया और कुल्फी को अपने दुप्पट्टे में छुपा लिया .लाइन में खड़े लोगो ने भी कोई आपत्ति नहीं जताई .सिक्यूरिटी पर तैनात सिपाहियों की नजर बचा कर हम TROLLEY तक पहुँच ही गए .जैसे ही TROLLEY सामने आई हम उस पर जल्दी से बैठने के चक्कंर में उसके सामने आ गए .इस पर TROLLEY पर बिठालने वाला बोला एक तो आप कुत्ते को ऊपर लेकर जा रही है ऊपर से TROLLEY के सामने भी आ रही है . एक्सिडेंट हो जाता तो ? खैर हम अपनी सफलता पर फुले नहीं समां रहे थे .इस तरह हम पहाड़ी के ऊपर माणसा देवी के दर्शन करने के लिए हम कुल्फी के साथ पहुँच गए .वहा RESTAURANT में हमने उसे आइसक्रीम खाने को दी और जूस पिलाया .वो उस अनजान जगह पर चुपचाप बैठी हुयी सबको देख रही थी .लेकिन वहा मौजूद बच्चे बहुत खुश हो रहे थे ,वे दौड़ दौड़ कर कुल्फी के पास आकर उसे छूते और अपने मम्मी पापा को बताते .हम लोग कुल्फी के कारन दो शिफ्ट में दर्शन करने गए समय जरुर बर्बाद हुआ लेकिन तसल्ली थी की कुल्फी हमारे साथ है और सुरक्षित है. . दर्शन के उपरांत सबसे पहले आकर हमने उसे प्रसाद खिलाया . और उसकी चारधाम की यात्रा का श्री गणेश हो गया.
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