शनिवार, 19 फ़रवरी 2011

JAB MEH CHHOTI THI

ये कुल्फी की एक महीने की फोटो है ,जब पहली बार वो कोलकाता के विक्टोरिया मैदान में गयी ,हम सभी उसे लेकर बहुत खुश हो रहे थे ,,वहा जितने भी बच्चे घुमने के लिए आ रहे थे,वे अपनी मम्मी और पापा के साथ कुल्फी को प्यार करने के लिए जरुर आते  पता ही नहीं चला की कब रात हो गयी .हम सभी जाने के लिए तैयार हो गए ,हमने ये देखने के लिए की कुल्फी अपना नाम पहचानना सीखी है या नहीं उसे कुल्फी कुल्फी कह कर पुकारना आरम्भ कर दिया .लेकिन हमारे आश्चर्य की सीमा नहीं रही की विक्टोरिया मैदान में घुमने वाले बहुत से आइसक्रीम बेचने वाले हमारी तरफ दौड़ कर आ गए ,बोले हा बाबु बताइए कितनी कुल्फी दे दे . इस पर मेरे बेटे शौर्यांक ने कहा हम आपको नहीं अपने पप्पी की बुला रहे है .बेचारे कुल्फी बाले मायूस हो कर बोले अब आप लोग ऐसे नाम रखेगे तो हम लोग क्या समझेंगे .

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