रविवार, 8 सितंबर 2019

Bholi n Drishta @ Ban Jhakdi Fall in Gangtok

भोली और दृष्टा   बन झाकड़ी फॉल में, 
दृष्टा और भोली 

हम लोगों ने जब गैंगटॉक  घूमने की योजना बनायीं तो हमारे साथ  चार पैर वाले  दो पालतू बच्चे भोली और दृष्टा भी थे।  वहां हम लोग अपनी गाड़ी का उपयोग कर नहीं सकते थे क्योंकि गंगटोक में इसकी इजाजत नहीं है, अतः हमने स्थानीय गाड़ियों का इंतजाम किया  और निकल पड़े भ्रमण के लिए। गाड़ी ड्राइवर,  गंगटोक के सभी दर्शनीय स्थल दिखाने के बाद अंत में हमें बन -झाकड़ी जल प्रपात ले गया ये पहाड़ों की तलहटी में  घने जंगलों के बीच काफी ऊंचाई से तीर्व गति से गिरने वाला जल  प्रपात है  यहां शाम के पांच बजे के बाद कोई भी नहीं रुकता क्योंकि जंगली जानवरों का डर रहता है  लेकिन हमारे बेटों को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं थी और वे भोली दृष्टा को गाड़ी से निकाल कर झाकड़ी फॉल ले आये. तीर्व बारिश में भीगते हुए दोनों हम लोगो के पास पहुंचकर बहुत  खुश हो रहे थे. अब वहां उन्हें देखने वालों की भीड़ एकत्रित हो गयी. लोग अपने बच्चों को लाकर उनसे मिलवाते  खुद भी उनके साथ फोटो खिचवानें की इच्छा जाहिर करते।  विदेशी सैलानी उनके साथ हाथ मिलाने की चेष्टा करते।  ये सब हम सभी को बहुत आनंदित कर रहा था।
दृष्टा -भोली के साथ 

बन झाकड़ी व् उसकी  पत्नी राक्षसी की मूर्ति 

दृष्टा - भोली 


गैंग टोक की तलहटी के घने जंगल में सौ फीट की ऊंचाई से तीर्व गति से गिरने वाला बन झकडी फॉल अत्यंत मनोरम स्थल है इसे लिविंग पार्क या रिक्रिएशन सेंटर भी कहा जाता है। बन का मतलब जंगल या फॉरेस्ट जबकि झकडी का मतलब बीमारियों को ठीक करने वाला यानी की तांत्रिक, हीलर। टैक्सी चालक ने हमें बताया कि झकडि गांवों से बच्चे चुरा कर लाते है और गुफाओं में जहां साधना करते है वहीं उन्हें प्रशिक्षित करते है। साल , छः महीने के बाद उन्हें उनके घर छोड़ देते है जहां वे बच्चे अपने गांव के निवासियों का इलाज करते है । स्थानीय लोगो का उनके ऊपर इतना विश्वास होता है कि पहले रोगी को झकडी के पास ही ले जाएंगे। टैक्सी चालक ये बताते हुए बहुत दुखी हो रहा था कि उसके गांव में रहनेवाला झकडी मर गया। इसके साथ ही उसने अत्यंत दिलचस्प बात बताई कि गुफाओं में रहने वाले झकडी की पत्नी राक्षसी होती है जो लाए हुए बच्चे को खाने की कोशिश करती है लेकिन झकडी उस बच्चे को छुपा कर रखता है। इस किवदंती की गवाह बनी मूर्तियां वहां बने पार्क में स्थापित है।

 शुभ्रांशु -शौर्यंक एवं भोली -दृष्टा 

बन झकड़ी के दर्शनीय स्थल 
पर सैलानियों के साथ 

बन झकड़ी जल प्रपात का दृश्य 

सिक्किम के नामची चारधाम में 



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